किया है बहुत ज्यादा विस्तार
देश की एकता और अखंडता में
डाली किसने ये दरार
भारत की जिस पावन भूमि का
रखा ऋषियों ने आधार
उस पावन भूमि का देखो
अंश तक कर डाला बेकार
यहाँ हज़ारो लुटते है घर
घर घर में है चीख पुकार
कही है मातम कही है खुशिया
कैसा अनोखा है संसार
कोई करता बुरे काम है
उसका तो होता बेडा पार
करो भलाई अगर किसी की
तो मिलता जूतों का हार
नारी के जीवन में देखो
नारी पर होता अत्याचार
क्यों जलाई जाती है नारी
लालच से होते ये पाप
जननी बहिन बेटी और पत्नी
ये तो है नारी के ताज
कोई तो कहता भारतमाता
और कोई कहता है अभिशाप
भारत के सिर्फ नोजवान ही
बंद करेंगे अत्याचार
उखाड़ फेंके अब आतंकवाद को
हाथ में ले ले अब तलवार
देश का गौरव ,शहीदों की रूहे ,भारत माता की करुण पुकार
सब धर्मो का यही सन्देश है बंद करो ये अत्याचार
देव पुष्करना
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