आपकी जीत तब ही निश्चित है जब आप दुसरो की जीत के लिए सूत्रधार बनते है ,आपकी असली जीत वही है जब दुसरे आपको सच्चे दिल से विजेता मानने को तैयार हो ,आपकी जीत आपके नेक इरादे और आत्मविश्वास का फल होती है ,मेहनत और सफलता की बुनियाद में वास्तविक तत्व आत्मविश्वास होता है उसी से निर्भयता आती है और निर्भयता ही जीत में मुख्य भूमिका निभाय ऐसा नहीं है उस निर्भयता में स्पष्ट लक्ष्य ,नेक इरादे ,अटूट संकल्प और अंत तक जुझारूपन का होंसला ही उसका स्वरूप होता है ,अगर आप जीतना चाहते है तो अपने को जीतिए तभी आप दुसरो को जीत पाएंगे
आपका भाई
देव पुष्करना
आपका भाई
देव पुष्करना
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